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सवाई माधोपुर32 मिनट पहले
शिकार का लुफ्त उठाता बाघ।
रणथम्भौर को बाघ-बाघिनों का घर कहा जाता है। यहां अक्सर बाघ बाघिनों की शानदार साइंटिंग होती है। जिसके लिए पर देश विदेश पर्यटक सफारी के लिए आते है, लेकिन बिना टाइगर सफारी के लिए टाइगर साइटिंग हो जाए तो क्या कहने। ऐसा ही एक वाकया रविवार रात देखने को मिला।
रविवार रात करीब 9 बजे टोक चिरगांव NH-552 हाई वे पर कुशालीपुरा के पास शानदार टाइगर साइटिंग हुई। यहां पर सड़क किनारे बाघ ने एक भैंस का शिकार कर लिया। जिसके बाद टाइगर रिजर्व के दीवार के पास सड़क किनारे शिकार का लुफ्त उठाते हुए दिखाई दिया। इस पूरे वाकया को यहां से गुजर रहे लोगों ने कैमरे में कैद कर लिया। इस पूरे वाकया को दैनिक भास्कर के साथ एक व्यक्ति ने साझा किया। हालांकी वन विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की है की यह कौनसा बाघ या बाघिन है, लेकिन इस इलाके में बाघिन टी-58 रॉकी मेल का मूवमेंट है। जिसके चलते यह बाघ टी-58 के होने की संभावना जताई जा रही है। आपको बता दे की रणथम्भौर में बाघ टी-58 रॉकी मेल की सबसे बड़ी टेरेटरी है। बाघ की टेरेटरी 50 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा है। बाघ टी-58 रॉकी मेल की टेरेटरी रणथम्भौर के चार जोनों में है। यब बाघ रणथम्भौर के जोन नम्बर 6,7,8,10 में घूमता है।
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