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पालीएक घंटा पहले
पाली के कांग्रेस भवन में बुधवार सुबह कांग्रेस के मुस्लिम समुदाय के पार्षदों और उनके समर्थक पार्षदों की बैठक आयोजित हुई। जिसमें उन्होंने आला पदाधिकारियों को अल्पसंख्यक वर्ग का सभापति बनाने की बात रखी।
नगर परिषद सभापति की कुर्सी खाली होते ही कांग्रेस और बीजेपी अपने पक्ष के पार्षद को सभापति बनाने के लिए गठजोड़ में जुट गए हैं। कांग्रेस में कुछ पार्षद मुस्लिम समुदाय का सभापति बनाने की मांग उठा रहे हैं। वहीं BJP में भी OBC वर्ग की कई महिला पार्षद सभापति बनने का सपना संजोए बैठी हैं। लेकिन फिलहाल उन्हें विधायक पारख के जयपुर से पाली लौटने का इन्तजार है। निलंबित सभापति रेखा भाटी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने में लगी है ताकि उन्हें सरकार के इस आदेश के खिलाफ स्टे मिल सके। अब देखने वाली बात होगी कि नगर परिषद पाली की सभापति की सीट जो फिलहाल कांटों का ताज लग रही है। कांग्रेस और बीजेपी में से कोई सफल होता है या कमान प्रशासन के हाथ में रहती है।

पाली के कांग्रेस भवन के बाहर बुधवार सुबह चर्चा करते कांग्रेस नेता।
कांग्रेस भवन में बैठक, आला पदाधिकारियों तक पहुंचाई बात
कांग्रेस भवन में बुधवार को पार्षदों की बैठक बुलाई गई। जिसमें अल्पसंख्यक वर्ग की पार्षद को सभापति बनाने की बात रखी गई। इसको लेकर पार्षद बाबू खान ने पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़, महावीर सिंह सुकरलाई तक अपनी बात पहुंचाई और सपोर्ट की बात कही। उन्होंने यहां तक कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग का पाली में न तो विधायक हैं और न ही सांसद इसलिए अब मौका है तो अल्पसंख्यक वर्ग पार्षद शहनाज बानो, नजमा शेख, रशीदा बानो में से किसी एक को सभापति बनाया जाए। वहीं कांग्रेस में दूसरा वर्ग ओमा चौधरी, राधा राव, हेतल मेवाड़ा को भी सभापति का दावेदार बता रहा है। बैठक में पूर्व सभापति प्रदीप हिंगड़, नगर परिषद प्रतिपक्ष नेता हकीम भाई, मोटू भाई, मेहबूब टी, दिलीप ओड, प्रकाश चौहान, मोहम्मद अकरम, तालीब अली, मोइनुद्दीन, मोहम्मद रफीक, बाबूलाल आर्य सहित कई पार्षद मौजूद रहे।
BJP पार्षद कर रहे विधायक के आने का इन्तजार
इधर बीजेपी से भी कई महिला पार्षद सभापति बनने की कतार में है। लेकिन फिलहाल सभी शांत है और वे विधायक ज्ञानचंद पारख के जयपुर से पाली लौटने का इन्तजार कर रहे है। उसके बाद सभी उनके सामने अपनी दावेदारी करेंगे। बीजेपी से पूर्व उपसभापति की पत्नी सुकिया देवी, पूर्व पार्षद सुरेश चौधरी की पत्नी ऊषा चौधरी, खुशबू सोनी का नाम सामने आ रहा है।
दोनों पार्टियों के पास स्पष्ट बहुमत नहीं
नगर परिषद के 65 पार्षदों में से BJP के 29 और कांग्रेस के 22 पार्षद हैं, 14 निर्दलीय पार्षद है जिसमें सभापति को निष्कासित कर दिया गया है। पीछे 64 पार्षद बचते है। निर्दलीय में से 8 कांग्रेस समर्पित और 6 बीजेपी समर्पित हैं। दोनों ही पार्टी के पास सभापति बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं है। ऐसे में दोनों ही पक्ष निर्दलीय पार्षदों को अपने पक्ष में करने में जुटे है। सभापति चुनने के लिए पार्षदों की वोटिंग करवाई जाएगी। जिसके पक्ष में ज्यादा वोट आएंगे वह नगर परिषद का नया सभापति बनेगा। लेकिन फिलहाल स्वायत्त शासन विभाग से आगे की कार्रवाई को लेकर कोई आदेश नगर परिषद आयुक्त को नहीं मिले हैं।
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