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उदयपुरएक घंटा पहले
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चिकित्सा विभाग के बड़ी स्थित कार्यालय के बाद महाराणा भूपाल (एमबी) राजकीय चिकित्सालय परिसर में अवधि पार सरकारी दवाइयों को बायो वेस्ट प्रक्रिया से नष्ट करने के बजाय लापरवाही से जलाने का मामला सामने आया है। ये दवाइयां हाॅस्पिटल के मेन स्टोर के भीतर पोर्च में टिन शेड के नीचे जलाई गई हैं। सैकड़ों इंजेक्शन और गंदगी को जलाने के बाद पानी डालकर नष्ट करने के प्रयास किए गए हैं। भास्कर ने नजर डाली तो सामने आया कि मेन स्टोर में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है।
यहां दवाइयों को जलाने के अलावा अच्छे और नए उपकरणों को कबाड़ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। स्टोर का मुख्य द्वार कभी न खत्म होने वाली सीवरेज की गंदगी से अटा पड़ा है। तीन माले की इमारत में स्टोर सबसे नीचे हैं, जहां दीवारों के सीलन से खराब होने के कारण ऊपर बनी हुई बिल्डिंगों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
दरअसल, एमबी हॉस्पिटल का स्टोर ट्रोमा वार्ड के सामने है। यहां प्रवेश के साथ ही नालियां गंदगी से अटी हुई मिलती हैं। आगे छत से नीचे बहने वाली सीवरेज की गंदगी दरवाजे के बाहर गहरे गड्ढे में भरी हुई है। इसी गंदगी से होकर स्टोर का पूरा स्टाफ भीतर सेवाएं देता है। बिल्डिंग के पीछे की ओर खुले पोर्च के एक कोने में सरकारी दवाइयों और इंजेक्शन के ढेर जले हुए पड़े हैं। कुछ दवाइयां खुले में फैलाई हुई हैं। पोर्च में ही करीब 200 डबल बकेट मॉप वीथ रिंगर ट्रोली के नए सेट रखे हैं। ये ट्रोलियां वार्ड में बंटनी थीं। बता दें, पिछले दिनों बड़ी स्थित स्वास्थ्य भवन परिसर में दवाइयों-इंजेक्शन जलाने का मामला सामने आया था।
गाइड लाइन के तहत होता है एक्सपायरी दवाइयों का निस्तारण
हकीकत में चिकित्सा विभाग में एक्सपायरी दवाइयों को नष्ट करने के कायदे बने हुए हैं। हॉस्पिटल में ऐसी दवाइयों को नष्ट करने से पहले विशेष कमेटी इनकी एक्सपायरी और अनुपयोगिता तय करती है। इसके बाद बायो वेस्ट वाले सिस्टम से इन दवाइयों को नष्ट करने के लिए भेजा जाता है। हॉस्पिटल जहां पर स्टोर बीचोंबीच में है और चारों ओर वार्ड बने हुए हैं। उस जगह पर केमिकल युक्त दवाइयों और दूसरे सामानों को जलाना नीति विरुद्ध है। इससे भर्ती मरीज के स्वास्थ्य पर भी सांसों के साथ प्रतिकुल असर पड़ सकता है।
मेरी जानकारी में नहीं आया : अधीक्षक
दवाइयों को मैन स्टोर के परिसर में जलाने की जानकारी नहीं है। अस्पताल स्तर पर खराब और एक्सपायरी दवाइयों को बायो वेस्ट सिस्टम से नष्ट किया जाता है। लेकिन, अस्पताल में ऐसा कोई कर रहा है तो जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जाएगी। डॉ. आर.एल. सुमन, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल
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