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डूंगरपुरएक घंटा पहले
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जवाब देने की अंतिम तिथि के 15 दिन बाद मिले नोटिस, कार्रवाई में भेदभाव करने के लगे आरोप जिले में श्रम कल्याण विभाग ने किसी भी तरह के भवन निर्माण पर देय उपकर (सेस) को लेकर जिले में 400 से अधिक नोटिस जारी किए हैं। नियम के तहत 2009 के बाद निर्मित मकानाें की लागत पर 1 प्रतिशत उपकर (सेस) श्रम विभाग में जमा होना जरूरी है। इसमें निजी अावास के लिए 10 लाख तक के निर्माण कार्य काे छाेड़ कर अन्य निर्माण कार्याें पर 1 प्रतिशत की दर से उपकर (सेस) लगेगा। गांवाें में मकानाें तक नाेटिस पहुंंचने के बाद लाेगाें के बीच चर्चाएं शुरू हाे गई।
अचानक से पहुंचे नाेटिस से लाेगाें काे कुछ समझ नहीं अा रहा है। वहीं पूंजपुर गांव में जवाब देने के अंंतिम तिथि गुजरने के 15 दिन बाद एक साथ नाेटिस पहुंच गए। वहीं कुछ एेसे भी है, जिनका मकान नहीं उन्हें भी नोटिस मिला है। दिव्यांग तक काे नाेटिस थमाया गया। वहीं जिन लोगों को नोटिस मिली है इनके आसपास बड़े बड़े मकान वालो को श्रम कल्याण विभाग की तरफ से छाेड़ देना भी चर्चा का विषय बना हुअा है। श्रम कल्याण विभाग द्वारा जारी नोटिस 9 जनवरी को जारी हुई। जिसमें नोटिस धारक को अपना पक्ष रखने का 31 जनवरी को अंतिम दिन था।
वही पूंजपुर गांव में 120 से अधिक नोटिस एक साथ पहुंचने से हड़कम्प मच गया है। जो नोटिस भेजी उसमें ऐसे भी लोग है जिनके पास खुद का मकान ही नही है। गांव के जयसिंह पुत्र विजयसिंह का स्वयं का मकान ही नही है वो पिता के मकान में ही रह रहे है तो वही दिव्यांग भगवान पाटीदार को भी नोटिस थमा दिया है जो दिव्यांग पेंशन धारी है।
अभी स्पष्टीकरण देने का अवसर फिर एक पक्षीय कार्रवाई होगी अभी भवन मालिक/नियोजक को नोटिस जारी कर निर्माण संबंधित दस्तावेज अथवा स्पष्टीकरण देने का अवसर दिया जा रहा है। इसके बाद भी सेस जमा नहीं कराने पर विभाग स्वयं निर्माण लागत निकालकर मालिक के विरूद्व एक पक्षीय सेस निर्धारण आदेश जारी करेगा। तय अवधि मे जमा नहीं होने व भुगतान नहीं करने की स्थिति में उपकर राशि पर प्रति माह 2 प्रतिशत दर से ब्याज आरोपित करने व निर्धारण आदेश की दिनांक से तय अवधि में जमा नहीं कराने पर पेनल्टी का प्रावधान है। निर्माण कार्य की सूचना प्रपत्र-1 में सभी संबंधित विवरण समेत भवन व अन्य निर्माण कार्य का ले अाउट, कार्य प्रारंभ व पूर्ण हाेने की तिथि, अनुमानित व्यय का मदवार विवरण, कार्य स्वीकृति अादेश, अन्य संबंधित विवरण मय दस्तावेज के साथ कार्यालय में उपस्थित हाेने के लिए कहा है।
दरअसल, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (श्रमिक) कल्याण उपकर अधिनियम 1996 व राजस्थान भवन व एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार नियम 2009 के प्रावधान निर्माण स्थल पर लागू हाेते हैं। मालिक/नियोजक को निर्माण प्रारम्भ करने से 30 दिवस पूर्व प्रपत्र 4 में श्रम निरीक्षक काे सूचना दिया जाना व कार्य प्रारंभ हाेने की तिथि से 60 दिन में संस्थान का पंजीयन कराया जाना अावश्यक है।
2.13 कराेड़ का उपकर संग्रहित कर चुके श्रम कल्याण विभाग के इंस्पेक्टर नीलेश कलाल ने बताया कि उपकर संग्रहण के लिए जिले में अब तक 2263 सर्वे कर 2263 नाेटिस जारी किए गए। वहीं 154 उपकर निर्धारण व 73 भू राजस्व अधिनियम के तहत वसूली के लिए भेजे गए। इससे अब तक 14 कराेड़ 20 लाख 36 हजार 840 रुपए का उपकर एकत्रित किया जा चुका है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 441 सर्वे कर 441 नाेटिस, 40 उपकर निर्धारण, 61 भू राजस्व अधिनियम के तहत वसूली के लिए भेजे गए है। जिससे इस वित्तीय वर्ष में अावंटित लक्ष्य 4 कराेड़ के मुकाबले 2 कराेड़ 13 लाख 90 हजार 885 रुपए का उपकर संग्रहित किया जा चुका है। जिनका मकान हाेगा, दुकान बनाई हाेगी। उन्हें ही नोटिस दिया है। इसके लिए टीम ने प्राॅपर सर्वे भी किया है। पूंजपुर गांव के अनेक लोगो को नोटिस मिली जो बैंक के ऋण धारक है। जिन लोगों को नोटिस मिली इनके आसपास बड़े-बड़े मकान वालों को विभाग ने छोड़ दिया है।
अभी तक 400 से अधिक नाेटिस जारी किए जा चुके है। नियम 2009 के बाद निर्मित भवन-निर्माण कार्यों पर 1 प्रतिशत उपकर श्रम विभाग में देना होगा। संबंधित काे अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जा रहा है। यदि किसी का मकान 2009 से पहले बना हुअा है ताे उसका भी समाधान किया जाएगा। इसके लिए संबंधित काे कार्यालय पहुंच कर अपना पक्ष रखना हाेगा। -अशाेक कुमार शर्मा, उपकर निर्धारण अधिकारी व श्रम कल्याण अधिकारी, डूंगरपुर
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