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चित्तौड़गढ़43 मिनट पहले
मधुबन कॉलोनी में स्थित हाथी कुंड की दीवार ढह गई थी। उसके बाद वहां जीर्णोद्वार के लिए घोषणा की गई लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ।
नगरपरिषद क्षेत्र के मधुबन कॉलोनी में स्थित गार्डन और हाथीकुंड का हाल बेहाल है। पिछले बजट में कुंड के रिपेयरिंग की घोषणा को एक साल से ज्यादा हो गया, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ। कुंड की दीवार भी अब टूटने लगी है। वहीं, कॉलोनी वासियों का डर है कि पास में स्थित गार्डन में रोज शाम को खेलने आते बच्चे कहीं किसी हादसे का शिकार ना हो जाए। इसी तरह गार्डन में पिछले तीन महीनों से ना कोई सफाई के लिए आ रहा है और ना देखरेख के लिए। कॉलोनी के रिटायर्ड बुजुर्गों द्वारा पार्क के पेड़ पौधों को पानी पिलाया जा रहा है और देखरेख भी की जा रही है।

पार्क में बुजुर्ग ही घास, पेड़ पौधों को पानी पिलाने आते है।
पार्क में खेलने वाले बच्चे हो सकते है हादसे का शिकार
वैसे तो नगर परिषद पर बार बार आरोप लगते आए है कि कांग्रेस बोर्ड होने के कारण भाजपा वार्डो पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसका एक उदाहरण वार्ड संख्या 29 में देखने को मिला। मधुबन क्षेत्र में स्थित हाथी कुंड 25 फीट गहरे पानी से भरा है। आसपास की दीवारें अब कमजोर होकर गिरने लगी है। कुंड के एक हिस्से में मधुबन कॉलोनी वासियों का पार्क है, जहां शाम को कॉलोनी के ही बुजुर्ग, युवा, महिलाएं और बच्चे आते है। पार्क वाले हिस्से में ही कुंड की दीवार ढह गई है। वहीं, पार्क में खेलने आते बच्चे कभी भी किसी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। अब बच्चों की निगरानी के लिए भी दीवार की तरफ बुजुर्गों को रहना पड़ता है। पार्षद प्रतिनिधि नीरज सुखवाल का कहना है कि पिछले साल हाथी कुंड के रिपेयरिंग के लिए 15 लाख रुपए का बजट पास किया गया था। लेकिन यह सिर्फ घोषणा तक ही सीमित रहा। इसके बाद ना कोई अधिकारी देखने आया है और ना ही कोई ठेकेदार।

बच्चों के झूले भी टूट चुके है।
बुजुर्गों का कहना – बच्चे ना तो भाजपा होते है और ना कांग्रेस
वहीं, कॉलोनी के बुजुर्ग एक रिटायर्ड कर्मचारी सत्यवीर ने बताया कि 25 फीट गहरे कुंड में पानी भरा हुआ है। दीवारें ढह चुकी है। नीचे से जमीन भी खिसकने लगी है। यहां जाली भी लगाई गई थी जो टूटने लगी है। इसकी दीवारों को अब मरम्मत की जरूरत है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद के सभापति को एक बार यहां आकर अवलोकन करना चाहिए। वार्ड वासियों से मिलना चाहिए। अगर उनके मन में भाजपा के वार्ड होने की बात है तो उन्हें यह सोचना चाहिए कि बच्चे ना भाजपा के होते है और ना कांग्रेस के। वो सिर्फ इंसान है और बच्चे है।

टूटे हुए झूलों पर खेलते है बच्चे।
पेड़ पौधों को पानी पिलाने का काम करते है कॉलोनी के बुजुर्ग
पार्षद प्रतिनिधि नीरज सुखवाल ने बताया कि यहां के पार्क का भी हाल बेहाल हो रहा है। लगभग 3 महीने होने को आए हैं, कोई भी देखरेख के लिए आता है और ना ही पेड़ पौधों को पानी पिलाने के लिए। यहां पर पहले गार्ड भी था जिसे हटा दिया गया है। कॉलोनी में निवास कर रहे बुजुर्ग रिटायर्ड कर्मचारी ही पेड़ पौधों को पानी पिलाने सुबह-शाम आते हैं। अंदर गाय या जानवर आ जाते है तो उन्हें भगाते है। जितना हो सकता है उतनी सफाई करते है। बुजुर्गों द्वारा रोज सेवा काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पार्क में डेढ़ साल से टाइल्स टूटी हुई है, बच्चों के झूले टूटे हुए हैं, यहां लगे हुए टंकी का स्टैंड टूटा हुआ है।

रैंप की टाइल्स भी उखड़ गई है।
टूटे झूले में ही खेलते हैं बच्चे
नीरज सुखवाल ने बताया कि बच्चे टूटे हुए झूले में ही खेलते हैं, जिनका बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। पहले पार्क को किसी ठेकेदार को दे रखा था। उसका आदमी हफ्ते में एक बार आकर साफ सफाई और पेड़ पौधों को पानी पिलाने का काम करता था। लेकिन लगभग दिसंबर से ठेकेदार को हटा दिया गया। नरेगा मजदूरों को रखा गया, लेकिन एक बार आने के बाद फिर कभी नहीं आए।

हाथी कुंड में लगी जाली भी अब उखड़ने लगी है।
आने लगे असामाजिक तत्व
उन्होंने बताया कि पार्क में चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। इसके अलावा कोई गार्ड नहीं है। असामाजिक तत्व का आना-जाना शुरू हो गया है। लोग यहां शराब की बोतल लेकर पहुंचते हैं और शराब पीने के बाद कुंड में बोतल डाल कर चले जाते हैं। पार्क के अंदर लगी लाइट के तार किसी ने तोड़ दिए, जो ऐसे ही खुले पड़े हुए हैं। नीरज सुखवाल का कहना है कि यह सिर्फ भाजपा का वार्ड ही नहीं बल्कि विधायक और सांसद का भी क्षेत्र है। शायद इसलिए नगर परिषद ने इसको ब्लैक लिस्ट कर रखा है।

शाम होते ही बच्चे, बुजुर्ग और युवा पार्क में आते है, कुंड की टूटी हुई दीवार से कुछ ही दूरी पर बच्चे खेलते है।
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