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चित्तौड़गढ़32 मिनट पहले
पुराने हॉस्पिटल में खोला जाएगा सेटेलाइट हॉस्पिटल, जिला कलेक्टर ने किया मौका निरीक्षण।
चित्तौड़गढ़ में एक बार फिर सेटेलाइट हॉस्पिटल बनाने की चर्चा शुरू हो गई है। 2023 की बजट घोषणा में मुख्यमंत्री ने चित्तौड़गढ़ में सेटेलाइट हॉस्पिटल खोलने की घोषणा की थी। जिसके बाद पुराने हॉस्पिटल में जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल, राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, पीएमओ, सीएमएचओ सहित कई विभागों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौका निरीक्षण करने गए।
इस बिल्डिंग को कोविड-19 हॉस्पिटल के नाम से रिनोवेट करवाया गया था। तीसरी लहर से बहुत ज्यादा जनहानि नहीं हुई और ना ही उसके बाद कोरोना ने दस्तक दी है। ऐसे में यह बिल्डिंग रिनोवेट होने के बावजूद भी खाली रही। जिला प्रशासन ने कई बार अलग-अलग विभागों को देने की बात भी कही थी, लेकिन कुछ कदम नहीं उठाए गए थे।
कोविड-19 हॉस्पिटल के नाम से करवाई थी मरम्मत
कलेक्ट्रेट चौराहे के पास में पुराने हॉस्पिटल की बिल्डिंग को साल 2021 में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कई मौतें हुई थी। उस समय सभी हॉस्पिटल फुल हो गए थे। ऐसे में कोविड-19 केयर सेंटर सीताफल एक्सीलेंस सेंटर को बनाया गया। उस दौरान कलेक्ट्रेट चौराहे के पास स्थित पुराने हॉस्पिटल की बिल्डिंग खुर्दबुर्द अवस्था में पड़ी हुई थी। डीएमएफटी फंड से डेढ़ करोड़ की रुपए की लागत से बिल्डिंग की मरम्मत करवाई गई। इसे कोविड-19 हॉस्पिटल बनाने का फैसला लिया गया। लेकिन काम शुरू होने के कुछ दिन बाद ही कोरोना की तीसरी लहर कम समय के लिए आई और चली भी गई। उसके बाद कोविड-19 के कोई लहर नहीं आने पर इस हॉस्पिटल बिल्डिंग को ऐसे ही खाली रखा गया था। कई बार जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने यहां अलग-अलग विभागों को देने की कोशिश की, लेकिन वह प्रोसेस में नहीं हो पाया।

राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत प रहे मौजूद।
पीएमओ को इंस्ट्रूमेंट आर्डर प्लेस करने का दिया आदेश
अरविंद कुमार पोसवाल ने बताया कि 2023-24 की बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चित्तौड़गढ़ को सेटेलाइट हॉस्पिटल देने की घोषणा की है। जिसके चलते आज सीएमएचओ रामकेश गुर्जर, पीएमओ दिनेश वैष्णव, राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत सहित अन्य कई विभागों के अधिकारियों के साथ मौका निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार का निर्देश है कि टाइम से सभी कार्यों को क्रियान्वित किया जाए। इसलिए इस बिल्डिंग को देखने आए की कितनी मरम्मत की जरूरत है। हाल ही में इसके मरम्मत कार्य किया गया था। उन्होंने कहा कि पीएमओ को निर्देशित किया गया है कि जो सामान या इंस्ट्रूमेंट की जरूरत है, वह आर्डर प्लेस कर दें।
सभी विभागों को कर दिया है निर्देशित
पीडब्ल्यूडी को रिपेयरिंग का काम जैसे टॉयलेट, लाइट की प्रॉब्लम और अन्य शिकायतों को जल्द से जल्द निपटाने का काम ऑर्डर दिया गया है। इसी तरह यूआईटी, नगर परिषद भी मौके पर अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौके पर उपस्थित थे। नगर परिषद को साफ सफाई का जिम्मा दिया गया। इस हॉस्पिटल में 100 बेड का सेटेलाइट हॉस्पिटल बनाया जाएगा ताकि आसपास के लोगों के काम आ सके।
आसपास के लोगों को इमरजेंसी में मिलेगी मदद
राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले चरण से ही बहुत कुछ दिया है। मांगे तो हमारी बहुत थी लेकिन वह पूरी लेकिन मुख्यमंत्री ने वही मांगे पूरी की, जो बहुत ज्यादा जरूरत थी। शहर की सबसे बड़ी जरूरत चित्तौड़ सेटेलाइट हॉस्पिटल की थी, जो उन्होंने दी है।चित्तौड़गढ़ शहर के अंदर की तरफ 14 से 15 वार्ड है और आसपास के 6 से 7 वार्ड है। जहां से कई लोगों को जिला हॉस्पिटल तक इमरजेंसी में जाने में प्रॉब्लम हो सकती होती है। कुछ गरीब तबके के लोग हैं और महिलाएं हैं, जिनको काफी परेशानी होती है। यह बिल्डिंग पूरी तरह से खुर्दबुर्द हो रही थी। इसको सही भी करवाया गया और सेटेलाइट हॉस्पिटल के लिए माइंड में रखा हुआ था।
किसी की नहीं है लापरवाही
उन्होंने बताया कि 22 नवंबर को हमने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चित्तौड़ कराने पर डिमांड की थी और उन्होंने हमारी डिमांड पूरी कर दी। जब उनसे यह बात पूछा गया की मरम्मत होने के बावजूद भी इसकी देखरेख नहीं की गई, इसमें किसकी लापरवाही है। इस बात पर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने कहा कि किसी की भी लापरवाही नहीं थी। चोर तो चोर होता है, चाहे कितनी भी सुरक्षा कर लो। फिर भी वह चोरी करेगा। 5 साल तक यह बिल्डिंग उपेक्षित रहा है, इस कारण बर्बाद हो गया था। अब तक डेढ़ करोड़ की लागत से इसे रेडी करवाया गया।
100 का बेड और 100 का होगा स्टॉफ
जाड़ावत ने कहा कि यहां पर 20 से 25 डॉक्टर होंगे। 10 डॉक्टर स्पेशलिस्ट होंगे और 10 मेडिकल ऑफिसर होंगे। इस हॉस्पिटल में सौ बेड लगाए जाएंगे। पैरामेडिकल स्टाफ 60 से 70 होगा। ऐसे देखा जाए तो कुल लगभग 100 का स्टाफ होगा।
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