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नई दिल्ली40 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दो सभाओं को संबोधित करेंगे। पहली सभा दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडिटयम में होगी। यहां वह महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह का उद्घाटन करेंगे। दूसरी दोपहर में राजस्थान में होगी। यहां वह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पहले फेज का उद्घाटन करेंगे।
आर्य समाज के संस्थापक था महर्षि दयानंद सरस्वती
महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था। वह एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने सामाजिक असमानताओं को दूर करने के लिए 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक एवं सामाजिक जागृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वामी दयानंद सरस्वती ने लोगों को संदेश दिया कि ‘वेदों की ओर लौटो’ अर्थात् उनका मानना था कि वेदों में ही जीवन की सत्यता है। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश नाम की किताब भी लिखी है।
देश के पहले ग्रीन कॉरिडोर वाले एक्सप्रेसवे का होगा उद्धाटन

देश के पहले ग्रीन कॉरिडोर वाले एक्सप्रेस-वे का उद्धाटन राजस्थान में होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दौसा में दोपहर 2 बजे इसकी शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम स्थल धनावड़ गांव में एक जनसभा भी होगी, जिसके लिए विशालकाय डोम बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि करीब दो लाख लोग इस मौके पर मौजूद रहेंगे। डोम में 60 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी एक्सप्रेस-वे के पहले फेज सोहना-दौसा खंड के उद्धाटन के लिए दौसा जिले के धनावड़ गांव हेलिकॉप्टर से पहुंचेंगे। यहां वीवीआईपी गेस्ट के लिए 6 हेलीपैड बनाए गए हैं। सभा के लिए दौसा जिला मुख्यालय से 18 KM दूर एक्सप्रेस-वे के पास धनावड़ रेस्ट एरिया में 3 डोम बनाए गए हैं। इस कार्यक्रम में VIP गेस्ट हेलिकॉप्टर से आएंगे, इसके लिए अलग-अलग 6 हेलीपैड बनाए गए हैं।

दौसा में मोदी की जनसभा को लेकर गांव-गांव जनसंपर्क किया जा रहा है। स्थानीय नेताओं का दावा है यहां रिकॉर्ड संख्या में लोग पहुंचेंगे।
दौसा से एक्सप्रेस-वे पर कहां से चढ़ सकते हैं
दौसा के लोग जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे 21 पर भांडारेज इंटरचेंज से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ सकेंगे। एक्सप्रेस-वे से गुजरने वाले व्हीकल्स भांडारेज इंटरचेंज से ही नीचे उतर कर जयपुर व आगरा की ओर जा सकेंगे। आसपास स्थित गांवों के लोगों की हाईवे से कनेक्टिविटी के लिए गांवों के पास अंडरपास बनाए हैं। हालांकि बांदीकुई इलाके के कई गांवों के लोग अंडरपास की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।

सोहना-दौसा खंड़ के चालू होने के बाद दिल्ली से दौसा तक की यात्रा का समय घटकर 2 घंटे हो जाएगा।
1385 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे
सबसे पहले आपको बता दें कि दिल्ली से मुंबई तक जाने वाला यह एक्सप्रेस वे दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है। इसकी कुल लंबाई लगभग 1385 किलोमीटर है। यह 6 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरेगा। फिलहाल यह एक्सप्रेस-वे 8 लेन का है। आने वाले दिनों में इसे 12 लेन का किया जा सकता है।
ऐसे में माना जा रहा है कि यह एक्सप्रेस-वे सही मायनों में देश की प्रगति का एक्सप्रेस-वे साबित होगा। यह दिल्ली, गुरुग्राम, अलवर, दौसा, कोटा, रतलाम, वडोदरा और मुंबई से गुजरता है। यह एक्सप्रेस-वे 9 मार्च 2019 से निर्माणाधीन है और मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।

हर 30 किलोमीटर पर यहां अलग-अलग तरह की फैसिलिटी को डेवलप किया गया है।
जानिए एक्सप्रेस-वे क्या है
एक्सप्रेस-वे कम समय में और अधिक आराम के साथ कई शहरों को जोड़ने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली यातायात सड़कें हैं। ये सड़कें राजमार्गों और स्थानीय सड़कों से अलग हैं। ये सड़कें 6 लेन से 8 लेन की होती हैं। प्रत्येक लेन की चौड़ाई 2.73 मीटर से 3.9 मीटर तक होती है।
8 से 12 लेन किया जा सकेगा
फिलहाल यह एक्सप्रेस-वे 8 लेन का है, लेकिन आने वाले दिनों में इसे 12 लेन का किया जाएगा। इस हाईवे के बीच में 21 मीटर चौड़ी जगह छोड़ी गई है। ट्रैफिक बढ़ने पर इसमें दोनों ओर 2-2 लेन और बना दी जाएंगी।इस एक्सप्रेस-वे का 374 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान से गुजरता है जबकि 160 किमी हिस्सा हरियाणा में, 245 किमी हिस्सा मध्य प्रदेश में और 423 किमी लंबा हिस्सा गुजरात में होगा।

एक्सप्रेस-वे अत्याधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है। लाइट के लिए सौर ऊर्जा पैनल लगाए गए हैं।
एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद फ्यूल की खपत में कमी भी आएगी। हाईवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेसटिंग सिस्टम बनाए हैं। साथ ही एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है।
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