रिपोर्ट@आकाश कुलश्रेष्ठ,
“लाइवलीहुड इंडेक्स ( Livelihood index ) मतलब ‘आजीविका सूचकांक’ के जरिये यह पता चलता है कि पूरे विश्व में कौन से शहर इंसानों के रहने योग्य है l
आज तक भारत का कोई राज्य या शहर इस रैंकिंग में अव्वल या कहें तो पहले 50 की सूची में भी नहीं आता l कुछ इसी प्रकार भारत के शहरों को विश्व स्तरीय रहने योग्य बनाने हेतु स्मार्ट सिटी परियोजना का शुभारंभ किया गया जिसका उद्देश्य है शहर के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त कर उसे आम नागरिकों के रहने योग्य बनाया जाए, बुनियादी ढांचा तो आप समझते ही होंगे, यह वही है जिसके लिए हम और आप अपनी कमाई का एक अहम हिस्सा सरकार के खाते में टैक्स के रूप में देते हैं ताकि नागरिकों को स्वच्छ जल, बिजली, साफ वायु और अच्छी सड़क नसीब हो l आश्चर्य होता है यह जानकर कि आखिर किन आधारों पर स्मार्ट सिटी की रैंकिंग जारी हुई ?”
यह विचार हैं अयोध्यापुरी कॉलोनी झाँसी में रहने वाली अध्यापिका निलांजलि पाण्डेय के।
निलांजलि पाण्डेय ने सब का ध्यान झांसी महानगर की ओर आकर्षित कराते हुए कहा कि अभी तक जारी स्मार्ट सिटी ट्रैकिंग में झांसी 17 वें नंबर पर काबिज़ हुआ l लगता है जिन माननीय ने सूची जारी की वह यहां की गली- कूचों में ठीक से गए ही नहीं l शहर की अधिकांश सड़कें बेतरतीब, टूटी-फूटी है l
उन्होंने बताया कि मैं स्वयं जहां रहती हूं उसे अयोध्यापुरी कॉलोनी में बड़ा बुरा हाल है l बरसात के कारण सड़क पर पानी भरा हुआ है यहां जितने घर नहीं है उससे ज्यादा गड्ढे हैं, गाड़ी चलाने में डर लगता है कुछ समय बाद इनमें मच्छर पनपेंगे तो अस्पताल में लाइन लगेगी, लेकिन अस्पताल जाने से पहले गड्ढों और खराब रास्ते की चुनौती को पार करना बड़ा काम है, उन्हें यह भी याद नहीं की कोई जन् प्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद हमारे यहां कभी आया हो, अगर आप रूबरू हुए तो बहुत खुश किस्मत है lआगे उनका कहना है क्या चुप बैठकर गड्ढों में गिरते रहें ? टूटी सड़कों से जान बचाएं तो आखिर कब तक ?
उनका कहना है मुझे तो लगता है जिस प्रकार स्वतंत्रता के दिनों में गांधी जी ने सत्याग्रह किया आज फिर से सत्याग्रह किया जाए जैसे स्मार्ट सिटी, सड़क, बिजली सत्याग्रह, नेताजी हमारे मोहल्ले पधारो सत्याग्रह, तो आप कौन सा सत्याग्रह चाहेंगे या फिर यूं ही इंतजार करेंगे l
इन विचारों के साथ निलांजलि पांडे ने अपने क्षेत्र और झांसी में बेतरतीब सड़कों को देखते हुए जो सत्याग्रह का कदम उठाया है वह शायद झांसी नगर निगम के महापौर झांसी नगर निगम के नगर आयुक्त या विधायक, सांसद या सभासद के कान में यह बात पहुंचे ताकि झांसी की सड़कों, गलियों को दुरुस्त किया जाए एवं टैक्स भरने वाले आमजन को सड़क पर चलने की सुविधा मिल सके l