15 सूत्री मांगों को लेकर 13 दिनों से दे रहे थे धरना | Were protesting since 13 days for 15 point demands

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जयपुरएक घंटा पहले

RU में 15 सूत्री मांगों को लेकर जल सत्याग्रह पर बैठे छात्र।

राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ छात्रों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 13 दिनों से 15 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र मंगलवार को जल सत्याग्रह पर बैठ गए। जल सत्याग्रह पर बैठे छात्रों ने कहा कि हम पिछले लंबे वक्त से शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन गांधीवादी तरीके से हमारी मांगों को नहीं सुन रहा है। ऐसे में अब हम भगत सिंह के अंदाज में अपनी बात रखेंगे। ताकि यूनिवर्सिटी प्रशासन तक हमारी बात पहुंच सके और छात्रों की लंबित मांगों का समाधान हो सके।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के छात्र नेता विनोद भूदोली ने कहा कि यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना देते हमें 13 दिन का वक्त बीत गया है। लेकिन कुलपति से लेकर यूनिवर्सिटी की किसी भी अधिकारी या प्रोफेसर ने हमसे बात तक करने की कोशिश तक नहीं की है। ऐसे में आज मजबूरी में इस ठंड के मौसम में हमें ठंडे पानी में जल सत्याग्रह पर बैठना पड़ा है। ताकि छात्रों की मूल समस्याओं का समाधान करवाया जा सके।

हिंदवी स्वराज्य छात्र संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रिंकू मीणा ने कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में हालत बद से बदतर हो गए हैं। खाने की क्वालिटी पूरी तरह से बिगड़ चुकी है। वहीं जर्जर बिल्डिंग्स में रहना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में अगर हमारी 15 सूत्री मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया। तो हम जल समाधि में ही मर जाएंगे। लेकिन छात्रों के लिए आखिरी सांस तक संघर्ष करेंगे।

मीणा ने कहा कि यूनिवर्सिटी में एबीवीपी और एनएसयूआई से आम छात्र परेशान हो गए हैं। दोनों ही संगठन सिर्फ चुनाव में एक्टिव होते हैं। बाकी पूरे साल छात्रों से दूर रहते हैं। यही कारण है कि इस बार चुनाव में भी एनएसयूआई और एबीवीपी तीसरे और चौथे नंबर पर पहुंच गई थी।

प्रदर्शनकारी छात्रों की प्रमुख मांग

  1. राजस्थान विश्वविद्यालय गर्ल्स हॉस्टल और महारानी महाविद्यालय के प्रवेश द्वार पर छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष महिला पुलिस चौकी स्थापित की जाए, साथ ही उच्च गुणवत्ता के कैमरे लगाए जाएं।
  2. छात्राओं के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय में सेनेटरी नैपकिन की अच्छी गुणवत्ता की मशीनें लगाकर वितरण केंद्र खोला जाए। महारानी महाविद्यालय में खराब पड़ी सेनेटरी नैपकिन मशीनों को ठीक करवाकर सुचारू रूप से वितरण किया जाए. इनके लिए विशेष महिला प्रोफेसरों की टीम गठित कर मॉनिटरिंग करवाई जाए।
  3. राजस्थान विश्वविद्यालय में नियमित प्रवेश लेने वाले सभी छात्र छात्राओं को एमबीबीएस, एमएनआईटी की तर्ज पर छात्रावास सुविधा सुनिश्चित की जाए।
  4. प्रदेश में छात्राओं को पूर्णतयः निशुल्क शिक्षा दी जाए।
  5. विश्वविद्यालय, विधि महाविद्यालय में एलएमएम में प्रवेश लेने के लिए ओबीसी ओर इडब्लूएस के न्यूनतम अंक 55% से घटाकर 50% किए जाए।
  6. राजस्थान विश्वविद्यालय और संघटक कॉलेजों के छात्रावासों में भोजन की गुणवत्ता, पेयजल की सुविधा के लिए गुणवत्ता मानक निर्धारित कर नियामक संस्था का गठन किया जाए।
  7. राजस्थान विश्वविद्यालय के विभागों और संघटक महाविद्यालयों की बेशकीमती बहुमंजिला भवनों की मरम्मत करवाई जाएं।
  8. यूनिवर्सिटी में इंदिरा रसोई शुरू हो।
  9. शारीरिक शिक्षा विभागों को सुचारू रूप से चालू किया जाए और आधुनिक मशीन युक्त जिम की व्यवस्था की जाए।
  10. विश्वविद्यालय, संघटक महाविद्यालयों और सभी छात्रावासों में वाई फाई सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
  11. राजस्थान प्रदेश में छात्र छात्राओं के लिए किराया छूट के लिए विशेष नियम बनाया जाए।
  12. राजस्थान विश्वविद्यालय में विभागों को जोड़ने के लिए ई-रिक्शा चलाया जाए।
  13. प्रदेशभर के करीब 50 छात्रसंघ अध्यक्ष परीक्षा परिणाम में फेल हो गए हैं। उनके राजनीतिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए नियमों में शिथिलता दी जाए।
  14. राजस्थान विश्वविद्यालय में संविदा कर्मचारियों को सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम वेतन दिया जाए और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का लाभ दिया जाए।
  15. महारानी महाविद्यालय में भी बीसीए की ट्यूशन फीस कॉमर्स महाविद्यालय के बराबर की जाएं।

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