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झुंझुनूं18 मिनट पहले
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फाइल फोटो
राइट टू हेल्थ बिल के विरोध के चलते जिले के लाखों परिवारों को आरजीएचएस और चिंरजीवी बीमा योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है। कई दिनों से निजी अस्पतालों में दोनों ही स्वास्थ्य योजनाओं में रोगियों को इलाज व दवा नहीं मिल पा रही है। दोनों ही योजनाओं से जुड़े जिले में लाखों परिवार प्रभावित हो रहे हैं।
किसी को ओपीडी की सुविधा नहीं मिल पा रही है तो किसी को आइपीडी की। निजी अस्पतालों में सातवें दिन शनिवार को चिरंजीवी व आरजीएचएस योजना में इलाज का बहिष्कार जारी रहने से मरीज परेशान हुए।
CMHO डॉ. राजकुमार डांगी ने बताया कि जिले में पांच लाख 93 हजार जन आधार परिवार हैं। इनमें चिरंजीवी में 4 लाख 15 हजार परिवार जुड़े हैं। जबकि आरजीएचएस से 51771 कर्मचारी जुड़े हैं। निजी अस्पतालों में फिलहाल स्वास्थ्य योजनाओं में इलाज बंद कर रखा है।
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 4 लाख् 15 हजार परिवार
चिकित्सा अधिकारियों की मानें तो वर्तमान में जिले में 4 लाख 15 हजार परिवार ऐसे हैं, जो चिरंजीवी योजना से जुड़े हैं। इन चार लाख 15 हजार परिवार के सदस्यों को वर्तमान में निजी अस्पतालों में इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है।
RGHS में 51771 कर्मचारी
जिले में 51771 कर्मचारी आरजीएचएस से जुड़े हैं। ऐसे में कर्मचारी व इनके परिवारों के सदस्य प्रभातिव हो रहे हैं। वहीं, 72174 पूर्व व वर्तमान पूर्व सैनिक हैं।
44 निजी अस्पताल अधिकृत
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में इलाज के लिए जिले के 44 निजी अस्पताल अधिकृत हैं। इन अस्पतालों में निजी चिकित्सकों ने योजना में ओपीडी व आइपीडी बंद कर रखी है।
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