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अलवर15 मिनट पहलेलेखक: धर्मेंद्र यादव
राजस्थान में कब्ज की दवा से दूध और पनीर तैयार कर सप्लाई किया जा रहा था। 5 साल से अलवर जिले में मिलावट का ये खेल चल रहा था। 12 लाख लाेगाें तक ये मिलावटी दूध और पनीर पहुंचाया गया।
सबसे डरावनी बात ये है कि मिलावटखोर इस तरह से मिलावट कर रहे थे कि किसी रिपोर्ट में भी इसका खुलासा नहीं हो रहा था।
सरस डेयरी तक भी ये नकली दूध पहुंच रहा था। सरस डेयरी को शक था तो लेकिन सैंपल की जांच में ये दूध शुद्ध साबित हो रहा था। ऐसे में मिलावट की जड़ तक पहुंचने के लिए सरस डेयरी और फूड विभाग ने अलवर में रामगढ़ थाने के बहादुररोड पर एक बंगले में छापे मारा। यहां रोज 200-300 लीटर नकली दूध और इतना ही पनीर बनाया जा रहा था। यहां टीम को यहां बड़ी मात्रा में पॉम आयल, सपेटरा और सोर्बिटोल(कब्ज की दवा) मिला, जिनसे नकली दूध और पनीर बनाया जा रहा था।
भास्कर ने मामले की पड़ताल की तो सामने आया कि 5 साल से कब्ज वाली दवाई से नकली दूध और पनीर बनाकर पूरे राजस्थान में सप्लाई किया जा रहा था। इस नकली दूध और पनीर में फैट की मात्रा के साथ इसके स्टैंडर्ड को बनाए रखने के लिए डिटर्जेंट और पॉम आयल मिलाया जा रहा है।

27 जनवरी को अलवर से 90 KM दूर तुराना की ढाणी में 3 हजार लीटर सोर्बिटोल जब्त किया गया था।
रोज 3 हजार लीटर नकली दूध
अलवर में पिछले 6 महीने में 5 जगह पर छापेमारी की गई। यहां हजारों लीटर नकली दूध और पनीर बरामद किया गया।
इन डेयरियों में जांच करने पर पता चला कि यहां रोजाना 3 हजार लीटर दूध बनाया जा रहा है।
1 लीटर से 10 लीटर दूध बनाया जा रहा था। जांच में सामने आया कि इस दूध में फैट की मात्रा और इसकी प्योरिटी दिखाने के लिए सोर्बिटोल नाम का केमिकल मिलाया जा रहा था। जब सोर्बिटोले के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि सोर्बिटोल का फॉर्मूला कब्ज की दवाइयों में भी आता है।
इसका उपयोग दूध और पनीर दोनों में किया जा रहा था। इसके अलावा इनमें पॉम आयल भी मिलाया जा रहा था। इतना ही नहीं इनमें कपड़े धोने का डिटर्जेंट भी मिलाया जा रहा था।

7 फरवरी 2023 को किशनगढ़बास के निकट बागोड़ा गांव में पूरी पिकअप में मिलावटी दूध मिलने पर सड़क पर फेंका गया था।
पढ़िए कैसे बनता है मिलावटी दूध
1 लीटर दूध से करीब 10 लीटर नकली दूध बनाया जाता है
– 300 ग्राम डिटर्जेंट
– 1 लीटर पॉम ऑयल
– 300 ग्राम सोर्बिटोल
इन सभी को एक टीन में मिला ग्राइंडर से मिक्स किया जाता है। इसके अलावा इसमें पानी मिलाया जाता है ताकि ये असली दूध की तरह दिखे।
– 10 लीटर नकली दूध बनाने की लागत करीब 200 रुपए तक आती है जबकि मार्केट में एक लीटर दूध 55 से 60 रुपए लीटर बिकता है।
और, इसी प्रोसेस से बनया जाता है पनीर
– 20 लीटर पॉम आयल से 600 लीटर पनीर बनाया जा रहा है
– इसके लिए दूध का सपेटरा (दूध पाउडर का वेस्ट) काम में लेते हैं
– इसमें पॉम ऑयल और सोर्बिटोल मिलाया जाता है और इसे बाजार में बेचते हैं
दो तरह का पनीर बनाते हैं
220 और एक 280 रुपए प्रति किलो के भाव का पनीर बनाकर मार्केट में बेचा जाता है। 220 रुपए प्रति किलो वाले नकली पनीर में पॉम ऑयल, दूध पाउडर का वेस्ट और सोर्बिटोल की मात्रा ज्यादा रहती है। जबकि 280 रुपए किलो वाले पनीर में दूध की मात्रा को ज्यादा रखते थे।

21 जनवरी को बहरोड़ में मगनी सिंह की ढाणी में मिलावट दूध को फेंकती सरस डेयरी की टीम।
अब पढ़े कौन-कौनसे केमिकल क्या काम करते है
सोर्बिटोल: यह दूध और पनीर में फैट की मात्रा को बराबर रखता है। यानी लैब में यदि इसकी जांच भी करवा दी जाए तो मिलावट पकड़ में नहीं आती।
पॉम ऑयल: दूध और पनीर में चिकनाहट दिखाने के लिए पॉम आयल का इस्तेमाल किया जाता है। 1 लीटर दूध में सबसे ज्यादा मात्रा इसकी होती है।
डिटर्जेंट: दूध में झाग दिखाई दे इसके लिए डिटर्जेंट का उपयोग ज्यादा किया जाता है।
मिलावटखोरों को बचाती है कब्ज की दवाई
दरअसल, दूध और पनीर के टेस्ट के लिए SNF (सॉलिड नेट फैट) और RM-BR की जांच की जाती है।
इन दोनों एलीमेंट में प्रोटीन, कार्बोहाड्रेट, विटामिन व मिनरल होते हैं। इसके अलावा बीआर-आरएम का मतलब दूध में नेचुरल फैट से होता है। दूध में बीआर की मात्रा 40-43 और आरएम 28 के करीब होता है। जब दूध की जांच की जाती है तो बीआर-आरएम के मानक कम आने पर मिलावट पकड़ी जाती है।
और, सोर्बिटोल को इसलिए दूध में मिलाया जाता है कि मिलावटखोर पकड़े नहीं जाए। सोर्बिटोल दूध में नेचुरल फैट को बनाए रखता है। ये दूध और पनीर में नेचुरल फैट को बराबर करने का काम करता है।
इसी तरह में सॉलिड फैट 50 पर्सेंट तक होना जरूरी है। सोर्बिटोल यानी कब्ज की दवाई पनीर में भी इस फैट को बनाए रखती है ताकि पनीर स्पंजी रहे।

सरस डेयरी की टीम ने बड़ी मात्रा में पॉम ऑयल और सोर्बिटोल के ड्रम जब्त किए थे।
जयपुर-दिल्ली तक सप्लाई हो रहे हैं नकली डेयरी-प्रोडक्ट
अलवर में हुई छापेमारी के बाई कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए। पता चला कि अलवर में बन रहा दूध और पनीर जयपुर और दिल्ली तक खपाया जा रहा था।
इसके लिए मिलावटखोरों ने डेयरी वालों के साथ मिल इस नेटवर्क के दोनों शहरों में फैलाया। इन मिलावटखोरों की ओर से ये दावा किया गया था कि जयपुर शहर की अधिकांश बड़ी और पॉश कॉलोनियों की डेयरी से घरों तक यह नकली दूध और पनीर बिका है।
हजारों लीटर सोर्बिटोल मिला
इन 6 महीनों में मिलावटखोरों के कई काले कारनामे सामने आया। एक डेयरी से तो करीब 3 हजार लीटर सोर्बिटोल पकड़ा गया था। इन 6 महीने में 50 हजार लीटर दूध नष्ट करवाया जा चुका है। वहीं 4 हजार सार्बिटोल और 2 हजार लीटर पॉम ऑयल जब्त किया गया था।

5 साल में बना चुके 3 लाख लीटर नकली दूध
इस मामले में जब सरस डेयरी चेयरमैन विश्राम गुर्जर से बातचीत में कई खुलासे हुए। उन्होंने बताया कि अलवर के रामगढ़ बहादरपुर रोड, बानसूर तुराना की ढाणी, गोविंदगढ़ व बहरोड़ आदि इलाकों में यह गोरखधंधा चल रहा है।
इन अवैध फैक्ट्रियों में रोजाना 5 से 6 हजार लीटर दूध बनता है। लेकिन, उन्होंने जो आंकड़ा बताया वो हैरान कर देने वाला था।
उन्होंने बताया यदि इन फैक्ट्रियों का आधा दूध यानी 3 हजार लीटर भी नकली माने तो रोजाना 3 हजार लीटर दूध ये लोग बनाते हैं। एक साल में ये 60 हजार लीटर नकली दूध खपा रहे हैं। ये भी 5 साल से ये रैकेट चला रहे थे ऐसे में अब तक ये 3 लाख लीटर नकली लीटर दूध बनाकर बाजार में बेच चुके हैं।
इसके आगे जो उन्होंने बताया वो चौंकाने वाला था।। दावा किया गया- एक लीटर दूध परिवार के 4 सदस्यों तक भी पहुंचता है तो 5 साल में 12 लाख लोगों तक नकली दूध पहुंचा है।
बाजार भाव 50 रुपए लीटर भी लगाएं तो ये 1 करोड़ 50 लाख रुपए का मिलावटी दूध बनाकर बेच चुके हैं। ये केवल 5 सेंटर की कहानी है, जबकि अलवर जिले में ऐसे 1 हजार से भी ज्यादा सेंटर है।

16 जुलाई 2022 को सरस डेयरी में पहली बार नकली दूध पकड़ा गया था। इस दौरान 5400 लीटर दूध नाले में बहाया गया ।
पढ़ें, कैसे लैब भी धोखा दे रहे हैं मिलावटखोर
सोर्बिटोल मिलाने के बाद निजी व सरकारी लैब भी दूध की मिलावट को पकड़ने में फेल हो रही है। हंडू का बास के एक सेंटर पर 3 बार दूध का सैंपल लेकर जांच कराया गया। लेकिन, दूध सैंपल पास हो गया यानी वो नकली नहीं था।
लेकिन, जब सरस डेयरी की टीम मौके पर पहुंची और छापा मारा तो वहां पॉम ऑयल, सोर्बिटोल और दूध का पाउडर मिला। इसके बाद खुलासा हुआ कि ये नकली दूध बना रहा था और सोर्बिटोल की वजह से वह पकड़ में नहीं आ रहा था। इसी तरह बानसूर में तुराना की ढाणी में 3 हजार लीटर सोर्बिटोल मिला।

ये इतना खतरनाक, शरीर लकवा मार जाए: डॉ. राजीव मित्तल, फिजिशियन
सोर्बिटोल एक तरह से कब्ज की दवाई के काम में लिया जाता है। डायरिया की कई मेडिसिन में भी इस फॉर्मूला का यूज करते हैं। यदि आप दूध के साथ पॉम ऑयल और कब्ज की दवाई दे रहे हैं तो खुद समझइए कि ये कितना खतरनाक है।
सबसे बड़ा ये हार्ट पर असर करता है। नकली दूध और पनीर में इस तरह के केमिकल से पैरालिसिस का डर रहता है। इन दवाइयों से डाइजेशन बिगड़ सकता है और शरीर के कई अंगों पर इसका गलत इफेक्ट भी पड़ता है।
पिछले 6 महीने में कब-कहां छापा – क्या मिला
7 फरवरी 2023:
अलवर के रामगढ़ थाने के बहादुररोड पर एक बंगले में बनी फैक्ट्री पर छापा मारा। यहां करीब 200-300 लीटर नकली दूध बनाता था।
इसके साथ यहां रोजाना 300 किलो पनीर बनाया जा रहा था। यहां बड़ी मात्रा में पॉम आयल, सपेटरा और सोर्बिटोल मिला।
7 फरवरी 2023:
अलवर शहर से 40 KM दूर किशनगढ़ बास के निकट बागोड़ा गांव में सरस डेयरी व फूड विभाग की टीम ने नकली दूध पर छापा मारा। पिकअप से 1200 लीटर नकली दूध मिला था।
बीच सड़क पर ही इस दूध को फेंका गया। जबकि एक पिकअप ड्राइवर फरार हो गया था।
21 जनवरी 2023:
अलवर के बहरोड़ में मगनी सिंह की ढाणी में दूध सेंटर पर छापा मारा। यहां 8 कट्टे पाउडर, 8 पीपे रिफाइंड ऑयल, एक ग्राइंडर मशीन मिली। 16 कैन में नकली दूध भरा हुआ था।
6 अक्टूबर 2022:
6 अक्टूबर को सरस की विजिलेंस टीम व फूड इंस्पेक्टर की टीम ने गोविंदगढ़ में छापा मारा। यहां 20 कैन में करीब 1 हजार लीटर नकली और सिंथेटिक दूध था। कार्रवाई की भनक पर डेयरी संचालक फरार हो गया था।
अगस्त 2022:
अलवर शहर से 40 किलोमीटर दूर खेड़ली कस्बे के गांव हंडू का बास में दूध कलेक्शन सेंटर के मालिक राहुल खान (30) और उसके भाई आजाद खान के घर में छापा मारा।
यहां से बड़े पैमाने पर नकली दूध तैयार होने के सबूत मिल गए। यहां करीब 2 हजार लीटर दूध टीम ने बरामद किया था। आरोपी फरार हो गए थे।
20 जुलाई 2022
अलवर सरस डेयरी में रात 3 बजे 9 हजार लीटर दूध से भरा टैंकर मिलावटी निकला। यह टैंकर बहरोड़ से आया था। इसमें करीब 9 हजार लीटर नकली दूध को नाले में बहाया गया।
16 जुलाई 2022
पहली बार अलवर सरस डेयरी में रात 1.30 बजे नकली दूध पकड़ा गया। टैंकर में 5400 लीटर मिलावटी दूध था, जिसे नाले में बहाया गया। यह दूध बहरोड़ से लाया गया था।
सैंपल लेने पर यह नकली निकला। इसके 4 दिन बाद 9 हजार लीटर नकली दूध और मिला। 20 जुलाई को सरस डेयरी के अंदर ही मिलावटी दूध आया तो उसे नष्ट कराया।

20 जुलाई को सरस डेयरी के अंदर ही मिलावटी दूध एक टैंकर में पकड़ा गया था। इसे नाले में गिराया गया।
हम देसी नुस्खे से पहचान सकते हैं दूध असली या नकली
एक्सपर्ट का दावा हैै कि घर असली या नकली दूध की पहचान करना मुश्किल है। लेकिन, हम दूध की सुगंध से इसकी पहचान कर सकते हैं।
जिस दूध में डिटर्जेंट और सोर्बिटोल मिलाने में फर्क आ जाता है। वह दूध की सुगंध को बदल देता है। असली दूध बहुत ज्यादा सफेद नहीं होता है।
इधर, पनीर को भी देखते ही नहीं बता सकते हैं कि ये असली है या नकली। लेकिन, इसके टेस्ट और स्पंजी नेचर से पता कर सकते हैं कि पनीर कैसा होगा। नकली पनी में चिकनाहट ज्यादा होगी और इसका टेस्ट भी अलग होगा।
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धमाके से आग के गोले घरों-दुकानों पर गिरे:जलते हुए सड़क पर दौड़ा ड्राइवर; दीवारें इतनी गर्म कि हाथ झुलसे, डर से रोने लगे लोग

हाईवे पर गैस टैंकर-ट्रेलर में लगी आग ने 300 लोगों की जिंदगी तबाह कर दीं। धमाके से आग के गोले 50 मीटर दूर घर और दुकानों पर गिरे तो उनमें भी आग लग गई। रातभर आंखों के सामने घर और दुकानों को जलता देखकर लोग अपने आंसू नहीं रोक पाए। आग से झुलसे बच्चे और महिलाएं जलने का दर्द सहन नहीं कर पा रहे थे। आग ने यहां करीब 2 किलोमीटर के इलाके में दहशत मचा दी। ये हालात है अजमेर के मिश्रीपुरा और गरीब नवाज कॉलोनी के।
भास्कर टीम जब यहां पहुंची तो बच्चे और महिलाएं रोते हुए मिले। लोग अपनी दुकानों और घरों के सामने बैठे थे, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ये हो क्या गया? मेहनत से घर बनाया। वो भी जल गया।
लोगो ने बताया- यहां देर रात एक धमाका सुनाई दिया। फिर चारों तरफ आग फैल गई। घरों पर आग के गोले बरस रहे थे। दरवाजा खोला तो सामने आग थी। बाहर जाने का रस्ता नहीं था। आग इतनी तेज थी कि दीवार छूने से ही हाथ झुलस गए। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
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