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कोटा32 मिनट पहले
अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या
सर्दी का असर अब भले ही कम होने लगा है लेकिन मौसम में आए इस बदलाव के चलते लोग बीमार पड़ने लगे हैं। सुबह के समय ठंडी हवा के चलते सर्दी का एहसास होता है और जैसे-जैसे दिन चढ़ता है गर्मी का एहसास शुरू हो जाता है। वही दोपहर बाद फिर से सर्दी का एहसास होने लगा है जिसके चलते लोगों की दिनचर्या में भी अब परिवर्तन आने लगा है और इसी के चलते लोग बीमार भी हो रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी पिछले तीन-चार दिन में बढ़ी है।
लोगों में खांसी जुकाम बुखार की शिकायतें सामने आने के बाद वह अस्पताल पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि कोटा के सरकारी अस्पताल एमबीएस में ओपीडी 2800 पार चल रही है। न्यू मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भी 15 से 19 सौ तक की ओपीडी चल रही है। ज्यादातर मरीज मौसम में परिवर्तन होने के चलते बीमारी लेकर आ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार बदलते हुए मौसम से शरीर को नुकसान होता है। शरीर में ठंडक और गर्मी का संतुलन नहीं होने से कफ़ संबंधी बीमारियां होती है। दोपहर में कई बारी है स्थिति बन रही है कि पंखा चलाना पड़ता है और शाम को कंबल ओढ़े कर सोना पड़ रहा है। मौसम में परिवर्तन के बाद गर्मी की वजह से लोग ठंडा पानी भी पी रहे हैं तो पंखे भी चलाने लगे हैं। इसी के चलते सर्दी जुकाम की शिकायतें आ रही है।
हल्की सर्दी से भी बचाव की जरूरत
डॉक्टर के अनुसार कम सर्दी होने के बाद जब मौसम परिवर्तन होता है तो उस समय मरीजों की संख्या ज्यादा बढ़ती है इसका सीधा कारण है कि लोग अपनी दिनचर्या में बदलाव कर लेते हैं। हल्की सर्दी होने की वजह से और गर्मी का भी एहसास होने के चलते सर्दी से बचाव में लापरवाही बरतते हैं और यही सेहत पर भारी पड़ जाती है। ऐसे में भले ही मौसम में परिवर्तन हो रहा है और हल्की सर्दी हो तो भी सर्दी से बचाव के इंतजाम जरूरी है। शरीर को बाहर के टेम्परेचर और घर के टेम्परेचर में सेट होने में समय लगता है। अभी भी ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए।
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