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जयपुरएक घंटा पहले
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6 फरवरी से प्रदेशभर के वनकर्मी 15 सूत्री मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार पर थे।
राजस्थान में 15 सूत्री मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार पर चल रहे वनकर्मी एक बार फिर काम पर लौट गए हैं। शनिवार को वन मंत्री हेमाराम चौधरी से बातचीत के बाद संयुक्त संघर्ष समिति वन विभाग द्वारा आंदोलन को 2 महीने के लिए स्थगित करने का फैसला किया गया। इससे पहले 6 फरवरी से वन विभाग के कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर चल रहे थे।
जबकि 9 फरवरी से कर्मचारियों ने सभी राष्ट्रीय सेंचुरी और पाक पर ताले लगा दिए थे। जिसकी वजह से प्रदेशभर में टाइगर रिजर्व, लेपर्ड सफारी और चिडिय़ाघर का संचालन ठप्प हो गया था। ऐसे में एडवांस बुकिंग करवा चुके पर्यटकों को भी परेशान होना पढ़ रहा था। वहीं अब कर्मचारियों के आंदोलन खत्म होने के बाद प्रदेश में एक बार फिर वाइल्डलाइफ टूरिज्म को रफ्तार मिल सकेगी।
संयुक्त संघर्ष समिति वन विभाग राजस्थान के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह जादौन ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारी पिछले लंबे वक्त से शांतिप्रिय तरीके से संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार हमारी वाजिब मांगों को नहीं मान रही है। जिसकी वजह से हमें कार्य बहिष्कार और ताला बंदी जैसा फैसला लेना पड़ा था। लेकिन आज मंत्री और ACS दोनों ने हमारी मांगों को पूरा करने का वादा किया है। इसलिए हम एक बार फिर काम पर लौट रहे है।
वन विभाग के कर्मचारियों की प्रमुख मांग
- वनकर्मियों को समकक्षों पदों (पुलिस, पटवारी, ग्रामसेवक आदि) के समान वेतन दिलवाया जाए।
- वन विभाग में आठवी व दसवीं पास कार्य प्रभारी वनकर्मियों को पूर्व की भांति आयु सीमा व योग्यता में राज्य सरकार के वित्त विभाग के पत्र 24 मार्च 2011 के बिन्दु संख्या 8 के अनुसार शिथिलता देते हुये पूर्व की भांति वनरक्षक के पद पर समायोजन किया जाये। जगलो में राजकार्य करने वाले वनकर्मियों को मैस भत्ता राशि 2200/-रु. दिलवाया जाए।
- विभाग में कार्यरत कार्य प्रभारी कर्मियों को सेवानियम के दायरे में लेते हुऐ अन्य विभागों की तरह पदोन्नति एवं नवीन पद, पदनाम, सहायक वनरक्षक के पद पर पदनाम दिया जाए।
- अवैध शिकार, अतिक्रमण, खनन, कटान, छंगान व हिंसक वन्यजीवों के रेस्क्यू करने वाले वनकर्मियों को विशेष भत्ता / हार्ड ड्यूटी ( मूल वेतन+ डी.ए) का 10 प्रतिशत दिलवाया जाए।
- वन विभाग में कार्यरत प्रभारियों की ग्रेड-पे ए.सी.पी. 9-18-27 पर अन्य विभागों की तरह 27 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 2800/3600 की जाए।
- वन विभाग में कार्यरत कार्य प्रभारी संवर्ग के कर्मियों को सेवा नियम के दायरे में लेते हुये पदोन्नति के प्रावधान स्वीकृत किये जाए।
- समकक्ष विभाग के कार्मिकों की भांति नगद वर्दी भत्ता राशि 7000/- रूपये वार्षिक दिलवाया जाए।
- राजस्थान वन विभाग श्रमिक संघ के साथ हुये पूर्व के समझौतों को लागू करते हुए प्र.मु.द.सं. के आदेश क्रमांक 2078-2200 दिनांक 29.06 2022 की पालना कराई जाए।
- माननीय उच्च न्यायालय जयपुर में संघ की ओर से दायर रिट डी.बी. 257/21 दिनांक 06.01.2023 के निर्णय की पालना करते हुए माननीय न्यायालय जोधपुर के निर्णय दि. 29.04.2022 एवं एस.बी. सिविल रिट पिटिशन नं. 4956/2015 के निर्णय दिनांक 15.11.2022 की पालना कराई जाए।
- वनकर्मियों को 50/- रू० साईकिल भत्ते के स्थान पर 2000/- रू० प्रतिमाह पेट्रोल (ईचन) भत्ता दिलवाया जाए।
- अवैध शिकार, खनन, अतिक्रमण, कटान आदि गैर वानिकी कार्यों की रोकथाम हेतु एवं स्वयं की सुरक्षा हेतु हथियार दिलवाये जाए।
- वन विभाग में कार्यरत वाहन चालक को भी योग्यतानुसार पदोन्नति के अवसर प्रदान किये जाए। वन विभाग के वाहन चालकों को उनके समकक्ष पदो के वनकर्मियों समान वर्दी लागू की जायें, समान वर्दी और भत्ते दिये जायें।
- विभागीय अधिकारी / कर्मचारियों को अभ्यारण्य / नेशनल पार्कों में निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था की जाए।
- विभागीय कर्मचारियों को विश्रामगृहों में रुकने की व्यवस्था (मध्यप्रदेश की तर्ज पर ए.सी. रूम 200, प्रति दिवस, नॉन ए.सी. कम 100/- रू० प्रति दिवस दिलाया जाए।
- वन विभाग में कार्यरत वनकर्मियों / वनश्रमिकों की कितने घंटे की ड्यूटी है। जिसे वन प्रशासन स्पष्ट रूप से लिखित में कर्मचारियों को बताया जाए।
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