@आकाश कुलश्रेष्ठ,
झाँसी – स्मार्ट सिटी बनने की होड़ में दौड़ रही झाँसी का नाम भी स्मार्ट सिटी बनने की लिस्ट में आखिर आ ही गया l झाँसी स्मार्ट सिटी परियोजना 28 अगस्त 2015 को शुरू हुई, इसे भारत सरकार द्वारा 98 शहरों की सूची में स्मार्ट सिटी पहल के लिए चुना गया था l इसके बाद 22 नवंबर 2016 को “झाँसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड” का गठन किया गया l
रु० 903 करोड़ की लागत से बने झाँसी स्मार्ट सिटी तो सभी ने देखा ही होगा, इस स्मार्ट सिटी अनेकों प्रोजेक्ट के साथ झाँसी घूमने आने वाले टूरिस्ट के लिए स्मार्ट सिटी के अंतर्गत EV कार (बैटरी चलित ) कार का भी एक प्रोजेक्ट रखा गया, जिसमें बैटरी से चलने वाली कार ( TATA TIGOR EV XM ) 5 कार खरीदी गईं जिसमें पर्टयक किराया वहन कर कार से घूम सकें और धुएं से वायु प्रदूषण भी न हो l
22 जुलाई 2021 को झाँसी संभागीय कार्यालय में कार क्रमांक UP93- CT- 5229, UP93- CT- 5230, UP93-CT-5231, UP93-CT-5232, UP93-CT-5233 पंजीकरण कराया गया, इन 5 कारों पर स्मार्ट सिटी से 1 करोड़ 86 लाख रुपया खर्च किया गया l इस प्रकार एक कार की कीमत लगभग 37 लाख रही l
ठेकेदार कम्पनी ने किया गोल- माल l
M/S Azael Manufacturing कम्पनी द्वारा शहर के अंदर तथा आस-पास के पर्टयन स्थल तथा अन्य स्थानों पर कारें चलाने का ठेका 5 वर्ष के लिए लिया गया तथा कारों का रख रखाव आदि की जिम्मेदारी भी M/S Azael Manufacturing कम्पनी को स्मार्ट सिटी द्वारा सौंपी गई थी l
बिना बीमा और फिटनेस के सड़कों पर दौड़ती रहीं कारें l
खतरे से अनभिज्ञ, स्मार्ट सिटी कारों पर भरोसा कर पर्टयक उन कारों में सफर कर रहे थे जिनका बीमा, फिटनेस भी नहीं था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि कब वह कार बिगड़ जाये या आग का गोला बन जाये या दुर्घटना ग्रस्त हो जाये तो कारों में सफर करने वालों को या उनके परिवार वालों को दुर्घटना में घायल या बड़ी दुर्घटना होने पर कोई बीमा क्लेम भी नहीं मिलेगा l
दरअसल जो बीमा कार खरीदते समय दिया जाता है वह एक वर्ष के लिए होता है और एक वर्ष में बीमा समाप्त होते ही फिर अगले वर्ष के लिए बीमा कराया जाता है जो कि कम्पनी ने नहीं कराया और 4 वर्ष बीत जाने तक बीमा नहीं कराया गया, साथ ही कमर्शियल वाहनों की फिटनेस जो हर वर्ष संभागीय परिवहन कार्यालय से करानी चाहिए वह भी नहीं कराई गई l यहाँ कम्पनी ने बीमा, फिटनेस का पैसा बचाते हुए पर्टयकों की जान जोखिम में डाली l
आखिर इस सब का जिम्मेदार कौन, आँखे मूंदकर बैठे रहे स्मार्ट सिटी के अधिकारी ?
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का कार्यभार वैसे तो नगर आयुक्त के पास ही है किन्तु सभी प्रोजेक्ट्स की निगरानी अपर नगर आयुक्त करते हैं l सवाल यह है कि पिछले दो वर्ष से यह 5 गाड़ियां बिना बीमा बिना फिटनेस के खुलेआम सड़कों पर घूमती रहीं फिर भी अपर नगर आयुक्त ( नगर निगम झाँसी ) ने इस पर गौर नहीं किया l
जब सच्ची रिपोर्ट संवाददाता ने फोन कॉल द्वारा अपर नगर आयुक्त से जानकारी मांगी तो उन्होंने गाड़ियों के बीमा, फिटनेस होने की अनभिज्ञता जाहिर की l स्मार्ट सिटी अधिकारीयों की जिम्मेदारी में की गई लापरवाही से कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी l अगर कोई बड़ी दुर्घटना होती तो आखिर उसकी जिम्मेदारी लेता कौन ?
फिलहाल M / S Azael Manufacturing कम्पनी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार स्मार्ट सिटी को पैसा भी नहीं दिया जा रहा था तो स्मार्ट सिटी ने कम्पनी से गाड़िया वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और बीमा, फिटनेस न होने की स्थिति में गाड़ियों की बुकिंग पर्टयकों के लिए फिलहाल बंद कर दी है l
अभी तो यह एक मामला है, इसके आगे भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स से जुड़े मामलों को हम आपको अवगत कराते रहेंगे l