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करौली17 मिनट पहले
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करौली में पहली बार 5 दिन की एक नवजात बच्ची के शरीर का पूरा खून बदलकर पीलिया रोग का उपचार किया।
करौली में पहली बार 5 दिन की एक नवजात बच्ची के शरीर का पूरा खून बदलकर पीलिया रोग का उपचार किया। जिले में पहली बार डॉक्टरों ने शरीर का पूरा रक्त बदला है। इसके बाद बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है।
करौली के मातृ एवं शिशु इकाई हॉस्पिटल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ महेंद्र मीणा ने बताया कि ममता माली पत्नी राजकुमार निवासी शिकारगंज ने 5 दिन पूर्व एक बच्ची को जन्म दिया था। नवजात को कमजोर और पीलिया होने के कारण मातृ शिशु इकाई के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। आमतौर पर नवजात बालकों में पीलिया का उपचार फोटो थेरेपी तकनीक से किया जाता है, लेकिन बालिका में पीलिया के गंभीर स्तर तक पहुंचने के कारण शरीर का पूरा खून बदला गया। डॉक्टर ने बताया कि नवजात के शरीर से करीब 400 एमएल पुराने रक्त को निकालकर नया रक्त चढ़ाया गया। इस तकनीक को मेडिकल लैंग्वेज में डबल वॉल्यूम ब्लड एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन कहा जाता है। इसके बाद नवजात पूरी तरह स्वस्थ है।
डॉ. महेंद्र मीणा ने बताया कि बच्ची के शरीर में पीलिया गंभीर स्तर तक पहुंच गया था। इस कारण पीलिया का असर बालिका के दिमाग पर होने लगा था, जिससे बालिका की जान भी जा सकती थी। इस दौरान डॉक्टर महेंद्र मीणा के साथ डॉ. राजेश मीणा, रेजिडेंट डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों की टीम मौजूद रही।
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