झाँसी: “परिवार में प्रेम के बिना यज्ञ सफल नहीं होता” ! अथर्ववेद परायण महायज्ञ का पंचम दिवस।

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झाँसी/आकाश कुलश्रेष्ठ,

आर्य समाज मंदिर प्रेम नगर नगरा झाँसी में चल रहे अथर्ववेद परायण यज्ञ के पंचम दिवस पर प्रातः 8:30 बजे यज्ञाचार्य आचार्य श्री राम किशोर मेद्यार्थी ने अथर्ववेद के मंत्रों की आहुति दिलाते हुए बताया कि ऋषि दयानंद ने अपने ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश में विस्तार से बताया कि सभी आश्रम से बड़ा गृहस्थ आश्रम होता है। गृहस्थ ही संसार को अच्छी तरह से चला सकता है।
आज यज्ञ के यजमान चंदन सिंह यादव एवं उषा यादव शाम की वेला में हर्ष यादव एवं श्री मति शिल्पी रही ।

 

जिला प्रधान राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि “परिवार में प्रेम के बिना यज्ञ सफल नहीं होता है“।
जिला आर्य समाज की संरक्षिका श्रीमती शकुंतला यादव ने अपने भजन (“पास रहता हूँ तेरे सदा अरे तू न देख पाए तो मैं क्या करु”, एवं “सांसों का क्या भरोसा यह रुक जाए कहां पर” ) से सभी को रस्ता दिखाया ।
इस अवसर पर बृजमोहन शर्मा, सुधा यादव, जितेंद्र यादव, हरनारायण यादव, आर के सिंह, ज्योती यादव, भारत सिंह यादव, चंदन सिंह यादव, सरदार इंद्रपाल सिंह, जगदीश शर्मा, रवि नारायण सारस्वत, आर एस भदौरिया, रमेश राय, महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, पार्षद नरेंद्र नामदेव, हर प्रसाद यादव, संगीता यादव, उमा विश्वकर्मा, आरती श्रीवास्तव, बीना शर्मा, सुधा विश्वकर्मा, सविता यादव, प्रभा यादव, करुणा यादव, रामगोपाल आर्य, अंकुश कुमार प्रजापति, रेखा नामदेव, अवधेश राय, मुन्नी देवी, ओम देवी शर्मा, रामदेवी साहू, सुमन साहू, कस्तूरी साहू, उर्मिला साहू, विजय राम राजपूत,अरुण सक्सेना आदि उपस्थित रहे।
संचालन राकेश नामदेव ने किया आभार इंजीनियर भारत सिंह द्वारा किया गया।

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